दिनेश सिंह भदौरिया, सागर। भोपाल में वन उपमंडलाधिकारी पद से सेनानिवृत्त हुए अफसर आरएस भदौरिया ने ऐसा संस्मरण सुनाया, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। घटना उन समय की है, जब रणवीर सिंह भदौरिया वन विभाग में रेंज अफसर की ट्रेनिंग ले रहे थे। उनकी ट्रेनिंग केसली रेंज के सहजपुर में चल रही थी और उनके साथी अफसर ओपी गुप्ता की ट्रेनिंग सागर जिले के ही गौरझामर रेंज के तीतरपानी में चल रही थी। दोनों अफसरों ने ट्रेनिंग पूरी की। उन्हें नई पोस्टिंग पर ज्वाइन करने के लिए भोपाल आकर रिपोर्ट करना था।
बुलेट के सामने कूदा बाघ
1984 में दिसंबर का महीना था। बुलेट मोटरसाइकिल को आरएस भदौरिया चला रहे थे, जो ओपी गुप्ता की थी। रायसेन जिले के बेगमगंज को पार करने के बाद वे गढ़ी रेंज के फॉरेस्ट के पहाड़ी क्षेत्र को पार कर रहे थे, तभी एक ढलान पर बड़ा वाकया हुआ। बाइक के सामने अचानक एक विशालकाय बाघ कूदकर सड़क पर आ गया। बाघ को महज कुछ मीटर की दूरी पर देखकर दोनों अफसर हतप्रभ रहे गए थे। बाइक को ब्रेक लगाने या कुछ और सोचने-समझने का समय ही नहीं था कि अचानक बाघ ने फिर से एक छलांग मारी और नीचे की ओर चला गया।

बाघ की गुर्राहट सुनकर भागे
करीब पच्चीस मीटर दूर जाकर आरएस भदौरिया ने बाइक नियंत्रित कर रोक ली और फिर दोनों अफसर यह देखने उस स्पॉट की ओर बढ़े, जहां बाघ कूदकर सामने आया था। इतने में आहट पाकर बाघ गुर्राया तो दोनों अफसर तेजी से अपनी बाइक के पास आए और एक ही किक में बाइक को स्टार्ट कर दौड़ा दिया। रोमांच और अप्रत्याशित डर की सिहरन से दोनों लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।