भोपाल। मानव और जीवों की सेवा से आत्मिक संतोष मिलता है। किसी पीड़ित या जरूरतमंद का हाथ थाम कर सहारा देने से जो सुकून मिलता है, वह कहा नहीं जा सकता। परिवार से मिले सेवा और परोपकार के संस्कारों ने जीवन को समाज के प्रति संवेदनशील बनाया है। यह कहना है युवा समाजसेवी और गौरव नगर विकास समिति के संयोजक राहुल राय का। वे चेहरे पर शिकन आए बिना जरूरतमंद लोगों की मदद करने को हरदम तैयार रहते हैं।
धर्म-कर्म और समाजसेवा के संस्कार मामाजी से मिले
राजधानी भोपाल के कोलार रोड निवासी राहुल राय पिछले दस वर्षों से निस्वार्थ जनसेवा में जुटे हुए हैं। राहुल बताते हैं कि उनके मामा नर्मदा प्रसाद राय उर्फ एनपी राय उदयपुरा, रायसेन जिले के रहने वाले थे और कांग्रेस में लंबे समय तक सक्रिय रहे। वे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा के अत्यंत करीबी रहे। एनपी राय ने कांग्रेस में कई पदों का दायित्व बखूबी संभाला और पार्टी नेतृत्व के विश्वास पर हमेशा खरे उतरे। धर्म—कर्म और समाजसेवा के संस्कार उन्हें अपने मामाजी एनपी राय से मिले। उनके साथ रहते हुए परोपकार के मूल्य को समझा।
खतरे मोल लेकर निभाया मानव धर्म
महादेव शिव के अनन्य भक्त राहुल राय बताते हैं कि सावन के पूरे महीने उनके यहां रोजाना रुद्राभिषेक होता था। करीब सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाता था। गणेश उत्सव, सुंदरकांड, देवी जागरण, रुद्राभिषेक समेत तमाम धार्मिक अनुष्ठानों, राष्ट्रीय पर्व और सामाजिक आयोजनों में सराहनीय योगदान देते आ रहे हैं। राहुल ने अपनी टीम के साथ कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर दवाएं और जरूरत का सामान मुहैया कराया। इस परोपकार में वे खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए और जीवन को गंभीर खतरा हो गया, लेकिन भलाई करने से मुंह नहीं मोड़ा।