भोपाल। मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को लेकर सरकार और वन विभाग ने सख्ती के तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। लगातार हो रही बाघों की मौत और शिकार की घटनाओं के बीच अब शिकारियों और दोषी अफसरों पर इनाम की घोषणा कर कार्रवाई तेज की जा रही है।
टी-35 के शिकारियों पर 25 हजार इनाम
सबसे ताजा मामला सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का है, जहां प्रसिद्ध बाघ T-35 के शिकारियों की तलाश में वन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने शिकारियों पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके साथ ही, ग्राम बड़चोपड़ा में बाघ का शिकार करने वाले आरोपियों पर भी 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। यह कदम शिकारियों पर शिकंजा कसने और उन्हें कानून के हवाले करने के लिए उठाया गया है।
बालाघाट के दो वनकर्मियों पर भी इनाम
वन विभाग ने इस बार शिकारियों पर ही नहीं, बल्कि लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर भी सख्त रुख अपनाया है। पहली बार फरार चल रहे वन विभाग के डिप्टी रेंजर और वनरक्षक पर भी इनाम घोषित किया गया है। जानकारी के अनुसार, बालाघाट में एक बाघ की मौत के बाद उसके शव को गुपचुप जलाने की साजिश में डिप्टी रेंजर और वनरक्षक की भूमिका सामने आई थी। इस घटना के बाद से डिप्टी रेंजर और वनरक्षक गायब हैं। अब विभाग ने उन पर 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

बाघों की सुरक्षा में ढील बर्दाश्त नहीं
वन विभाग का कहना है कि बाघों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। विभाग लगातार निगरानी और गश्ती बढ़ा रहा है, ताकि शिकार जैसी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लग सके। मध्यप्रदेश देश में बाघों की सबसे बड़ी संख्या वाला राज्य है। ऐसे में शिकार की घटनाएं न केवल वन विभाग के लिए चुनौती हैं, बल्कि राज्य की पहचान और गौरव पर भी सवाल खड़ा करती हैं। अधिकारियों का मानना है कि इनाम की घोषणा से फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद मिलेगी और साथ ही यह संदेश भी जाएगा कि शिकार या लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।