ग्वालियर। रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव (Regional tourism conclave Gwalior) में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ने 3500 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चाहे निवेश एक करोड़ का हो या हजार करोड़ का, हर योगदान प्रदेश की प्रगति में अहम है। सीएम ने निवेशकों को भूमियों के आवंटन पत्र सौंपे, कार्ययोजना का विमोचन किया और वर्चुअल शिलान्यास भी किया।
पर्यटन विकास पर जोर
सीएम ने कहा कि इंडिगो कंपनी 100 करोड़ रुपए के सीएसआर फंड से ग्वालियर के ऐतिहासिक मानसिंह किले का नवीनीकरण करेगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध है। यहां तानसेन की परंपरा, बैजू ताल और घड़ियाल सेंक्चुरी जैसी विशेषताएं मौजूद हैं। यह क्षेत्र पर्यटन को नई ऊंचाई देगा।
निवेशकों को भरोसा और सुरक्षा
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचेगा। इसी दिशा में प्रदेश सरकार हर सेक्टर में निवेश आकर्षित कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि डॉ. यादव ने इन्वेस्ट समिट को विकेंद्रीकरण और व्यापकता दी है। वहीं, मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनके सपने और उद्देश्य पूरे होंगे।
निवेशकों को रेड कारपेट
पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने बताया कि प्रदेश में अब निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा मिल रही है। पहले 30 अनुमति की जरूरत होती थी, अब केवल 10 में काम हो रहा है। मप्र में अब तक 350 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है और प्रदेश पर्यटन हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
वहीं, अभिनेता पीयूष मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर ने उन्हें सपनों की उड़ान दी।
एमओयू और नए प्रोजेक्ट
कार्यक्रम में होटलों, रिसॉर्ट्स और ईको-टूरिज्म क्षेत्र के निवेशकों को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) दिए गए। मान सिंह तोमर यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू हुआ। स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत फूलबाग और अन्य स्थानों पर अनुभवात्मक पर्यटन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इस कॉन्क्लेव में 25 से अधिक बड़े निवेशकों, 125 टूर ऑपरेटर्स और 500 हितधारकों की मौजूदगी में प्रदेश को पर्यटन निवेश का नया आयाम दिया।