ग्वालियर। शहर में प्रतिमाओं को लेकर चल रहा विवाद (Ambedkar-BN Rao statue dispute) थमता नजर नहीं आ रहा है। हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) की प्रतिमा का विरोध करने वाले पक्ष ने अब कंपू स्थित नेहरू पार्क में बीएन राव (बेनेगल नरसिंह राव BN Rao) की प्रतिमा लगाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। रविवार को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में इस पार्क में भूमि-पूजन किया गया। आशंका है कि आने वाले दिनों में इस मसले पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ सकते हैं।
संविधान समिति में राव की अहम भूमिका
भूमि-पूजन करने वालों का कहना है कि बीएन राव का भारतीय संविधान निर्माण में अहम योगदान था और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनका तर्क है कि संविधान निर्माण की प्रक्रिया केवल अंबेडकर तक सीमित नहीं थी, बल्कि राव बतौर मुख्य सलाहकार इसमें महत्वपूर्ण रहे।
अंबेडकर समर्थक नाराज
हालांकि, अंबेडकर समर्थक वकीलों और सामाजिक संगठनों ने इस कदम पर नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि जिस तरह हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की प्रतिमा का विरोध किया गया था, उसी के नाम पर अब सरकारी पार्क में बीएन राव की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। विरोधियों का कहना है कि भूमि-पूजन कार्यक्रम बिना अनुमति के आयोजित किया गया और यह प्रशासन के दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
प्रशासन पर पक्षपात का आरोप
अंबेडकर प्रतिमा समर्थक एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने कहा, जब बाबा साहब की प्रतिमा लगाने की बात होती है तो प्रशासन अनुमति देने से कतराता है। लेकिन जब विरोधी पक्ष बिना इजाजत सरकारी पार्क में भूमि-पूजन करता है, तो पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। यह साफ दिखाता है कि सरकार और प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने सरकारी संपत्ति का बिना अनुमति भूमिपूजन करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।