सीहोर। प्रदेश के किसानों की बदहाली और बढ़ते संकट की मार्मिक तस्वीर सीहोर जिले के पीपलनेर गांव में देखने को मिली। फसल बीमा ने नाम पर नाममात्र की राशि मिलने से दुखी किसानों ने लंबी रैली निकाली और फिर सड़क पर लोटकर हाथों में सूखी फसल उठाए विरोध दर्ज कराया। इस अनोखे अंदाज ने राहगीरों और स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया। बता दें, इससे पहले भी कई गांवों के किसान पेड़ पर चढ़कर घंटा बजाने और नदी में उतरकर जल सत्याग्रह जैसे तरीके अपनाकर विरोध जता चुके हैं।
इस मुआवजे को ओढें या बिछाएं
प्रदर्शनकारी किसानों का कहना था कि उन्हें फसल बीमा के नाम पर केवल 100 से 200 रुपए तक दिए गए हैं, जबकि उनकी पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है। पिछले पांच वर्षों से लगातार खराब मौसम और अन्य कारणों से फसलें नष्ट हो रही हैं, बावजूद इसके किसानों को मुआवजा या बीमा की पूरी राशि नहीं मिल पा रही। अफसर और जनप्रतिनिधि उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अफसरों से जल्द सर्वे की मांग
प्रभावित किसानों का कहना था कि वे बीते एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अब तक प्रशासन और सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसानों ने डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि खराब फसलों का सही सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले का हाल
केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की यह तस्वीर है… यह तस्वीर है दर्द से कराहते उन किसानों की जिनकी सोयाबीन की फसल ने आपदा के चलते दम तोड़ दिया है। पिछले पांच वर्षों से किसानों की फसल आपदा से चौपट हो रही है, लेकिन बीमा के नाम पर उन्हें निराशा हाथ लग रही है।
सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा तेज
गौरतलब है कि प्रदेश में किसान पहले ही खाद संकट से जूझ रहे थे और अब बीमा राशि की अनियमितताओं ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। किसानों की अगुवाई कर रहे समाजसेवी एमएस मेवाड़ा साफ कहना है कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। बता दें, ग्राम चंदेरी, रामखेड़ी, उलझामन, कुलान्स कला, ढाबला, कुलान्स खुर्द, छापरी, सेवनिया और संग्रामपुर में किसान पहले से आंदोलन कर रहे हैं। कहीं महिलाएं हाथ में खराब सोयाबीन लेकर नारे लगा रही हैं, तो कहीं किसान नदी में जल सत्याग्रह कर चुके हैं। विरोध के बाद अब तक सरकार ने सर्वे कराने के आदेश नहीं दिए।