Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    मध्यप्रदेश समेत देशभर में बारिश से विकट हालात, बड़वानी के तोरणमाल में भूस्खलन

    September 6, 2025

    छत्तीसगढ़ की महिला मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को जान से मारने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार

    September 6, 2025

    मध्यप्रदेश में केले के तने से बनेगा कपड़ा, सीएम ने आपदा पीड़ित किसानों को दी 20 करोड़ की राहत

    September 6, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Samay Naad
    • होम
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • देश-विदेश
    • हमारा इतिहास
    • करियर
    • मनोरंजन
    • खेलकूद
    • ई-पेपर
      • 26 जनवरी 2024
      • 16 अगस्त 2024
      • 15 अगस्त 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Samay Naad
    देश-विदेश

    जरूरतें सस्ती, शौक महंगे- इकोनॉमी जीवित करने घटाई जीएसटी! अधमरी जनता के लिए राहत या सब्जबाग?

    adminBy adminSeptember 4, 2025Updated:September 4, 2025No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को अपनी स्पीच में देशवासियों को एक दिवाली गिफ्ट देने का वादा किया था, जिसे अब जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। नए जीएसटी ढांचे में अब केवल दो मुख्य स्लैब होंगे – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत, जबकि शौक और लग्जरी सामानों के लिए 40 प्रतिशत का एक अलग स्लैब लागू होगा। इस बदलाव से दूध, घी, दवाइयां, टीवी, एसी, कार, बाइक और इंश्योरेंस जैसी पांच श्रेणियों की आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। लेकिन सवाल उठता है कि जब भारतीय अर्थव्यवस्था, खासकर आम आदमी, बेरोजगारी और नकदी संकट से जूझ रहा है, तो मोदी सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?

    इकॉनोमी को मिल सकती गति

    नए जीएसटी स्लैब का लक्ष्य आम आदमी की जेब को राहत देना है। दूध, दवाइयां और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों पर कर कम होने से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को कुछ हद तक आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जो अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है। टीवी, एसी और कार जैसी टिकाऊ वस्तुओं पर कर में कमी से मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

    बेरोजगारी दर है 8 प्रतिशत

    इस समय देश में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत के आसपास मंडरा रही है और ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में नकदी की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, तो यह कदम कई सवाल खड़े करता है। आलोचकों का कहना है कि लग्जरी वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर बढ़ाने से अमीर वर्ग की खरीदारी पर अंकुश लग सकता है, जिसका असर लक्जरी सामान बनाने वाली कंपनियों और उनके कर्मचारियों पर पड़ सकता है। इसके अलावा, जीएसटी में बदलाव से सरकारी खजाने पर भी दबाव बढ़ेगा, क्योंकि कर संग्रह में कमी आ सकती है।

    जमीनी राहत या सिर्फ सब्जबाग

    मोदी सरकार का यह कदम राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, सरकार जनता के बीच अपनी छवि को और मजबूत करना चाहती है। लेकिन क्या यह “दिवाली गिफ्ट” वास्तव में आम आदमी की जिंदगी आसान करेगा, या यह सिर्फ एक अल्पकालिक राहत है? यह समय और अर्थव्यवस्था की स्थिति तय करेगी।

    cash crunch Diwali gift essential goods GST council GST rate cut Indian economy luxury items Modi Government unemployment
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    admin
    • Website

    Related Posts

    बिहार में तेज हुआ सियासी घमासान, तेज प्रताप के तीसरे फ्रंट से किसे नफा नुकसान…?

    September 6, 2025

    मुंबई में अनंत चतुर्दशी से पहले ब्लास्ट की धमकी, 400 किलो RDX को 34 वाहनों में फिट करने का दावा

    September 5, 2025

    ​बिहार बंद में एनडीए कार्यकर्ताओं का शक्ति प्रदर्शन, कई जगह हाइवे बंद, आमजन, व्यापारी और छात्र हुए परेशान

    September 4, 2025

    Leave A Reply Cancel Reply

    Editors Picks
    Top Reviews
    Advertisement
    Demo
    Contact Us

    Name : Dinesh Singh Bhadauria
    Mobile No. : 9457815871
    Email: [email protected]

    Our Picks
    Category
      Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
      • Home
      • मनोरंजन
      • मध्यप्रदेश
      • Buy Now
      © 2025 Samaynaad.com.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.