Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    1857 revolt के रणबांकुरे थे क्रांतिवीर हरेकृष्ण सिंह भदौरिया, भदावर के लाल पर बिहार ही नहीं, पूरे भारत को गर्व

    September 10, 2025

    मणिपुर में UNC ने NH-2 और NH-37 ब्लॉक किए, भारत-म्यांमार बॉर्डर फेंसिंग का विरोध, बढ़ा तनाव

    September 10, 2025

    …अब फ्रांस में फटा जनाक्रोश: 1 लाख लोग सड़कों पर, आगजनी-झड़पें, 200 उपद्रवी गिरफ्तार

    September 10, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Samay Naad
    • होम
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • देश-विदेश
    • इतिहास
    • करियर
    • पर्यावरण
    • अपराध
    • खेलकूद
    • ई-पेपर
      • 26 जनवरी 2024
      • 16 अगस्त 2024
      • 15 अगस्त 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Samay Naad
    देश-विदेश

    1857 revolt के रणबांकुरे थे क्रांतिवीर हरेकृष्ण सिंह भदौरिया, भदावर के लाल पर बिहार ही नहीं, पूरे भारत को गर्व

    adminBy adminSeptember 10, 2025Updated:September 10, 2025No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली। भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अनेक वीर योद्धाओं के त्याग और बलिदान से भरा हुआ है। इन्हीं में से एक अमर क्रांतिकारी थे हरेकृष्ण सिंह भदौरिया (1827–1859), जिन्हें बिहार का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी (Bihar’s first freedom fighter) माना जाता है। क्रांतिवीर (Krantiveer Harekrishna Singh Bhadauria) का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वे 1857 revolt के सच्चे नायक भी थे। उनका जीवन और संघर्ष आज भी स्वतंत्रता आंदोलन की गौरवगाथा को नई रोशनी प्रदान करता है।

    प्रारंभिक जीवन

    क्रांतिवीर हरेकृष्ण सिंह भदौरिया का जन्म 1827 में बिहार के शाहाबाद ज़िले के बरुभी गाँव में हुआ था। उनके पिता ऐदल सिंह भदौरिया एक ज़मींदार और जागीरदार थे। प्रारंभिक जीवन में वे जगदीशपुर रियासत के तहसीलदार और पीरो परगना के प्रभारी रहे। प्रशासनिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें आमजन और क्रांतिकारी गतिविधियों में अग्रणी बना दिया।

    1857 का विद्रोह और नेतृत्व

    जब 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (First War of Independence) छिड़ा, तब वीर हरेकृष्ण सिंह ने ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी। वे महान सेनानी कुंवर सिंह की सेना में कमांडर-इन-चीफ (Commander-in-Chief) बने। उन्होंने अपने भाई बाबू अमर सिंह के साथ मिलकर कई निर्णायक युद्ध लड़े। क्रांतिकारी हरेकृष्ण सिंह ने लोहारा (जगदीशपुर से 10 मील पश्चिम) की लड़ाई में ब्रिटिश सेना के मेजर डगलस को करारी शिकस्त दी। यह विजय उस समय भारतीय सेनानियों के हौसले को और मजबूत करने वाली सिद्ध हुई।

    बाबू वीर कुंवर सिंह के बाद भी संघर्ष

    1858 में बाबू वीर कुंवर सिंह की मृत्यु के बाद भी हरेकृष्ण सिंह भदौरिया ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह जारी रखा। उन्होंने विद्रोही सेनाओं का नेतृत्व किया और बिहार की धरती पर स्वतंत्रता की मशाल जलाए रखी। अंग्रेजी सत्ता के लिए वे एक बड़ी चुनौती बन चुके थे।

    क्रांतिवीर का बलिदान

    आखिरकार, दिसंबर 1859 में अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और फांसी की सजा दी। इस प्रकार वे देश के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर गए। उनका बलिदान न केवल बिहार बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।

    1857 revolt leader Bihar freedom fighter Harekrishna Singh Bhadauria Indian independence history Kunwar Singh commander Veer Harekrishna Singh
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    admin
    • Website

    Related Posts

    मणिपुर में UNC ने NH-2 और NH-37 ब्लॉक किए, भारत-म्यांमार बॉर्डर फेंसिंग का विरोध, बढ़ा तनाव

    September 10, 2025

    …अब फ्रांस में फटा जनाक्रोश: 1 लाख लोग सड़कों पर, आगजनी-झड़पें, 200 उपद्रवी गिरफ्तार

    September 10, 2025

    राहुल-अखिलेश-तेजस्वी को बताया ब्रह्मा-विष्णु-महेश, रायबरेली में सपा नेता का पोस्टर हुआ चर्चित

    September 10, 2025

    Leave A Reply Cancel Reply

    Editors Picks
    Top Reviews
    Advertisement
    Demo
    Contact Us

    Name : Dinesh Singh Bhadauria
    Mobile No. : 9457815871
    Email: [email protected]

    Our Picks
    Category
      Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
      • Home
      • मनोरंजन
      • मध्यप्रदेश
      • Buy Now
      © 2025 Samaynaad.com.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.