पेरिस। नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अब फ्रांस (France protest) में भी हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और बजट कटौती नीतियों के खिलाफ देशभर में गुस्सा फूट पड़ा है। बुधवार को शुरू हुए सब कुछ रोक दो (Block Everything movement) मूवमेंट के तहत 1 लाख से ज्यादा लोग पेरिस (Paris clashes) समेत अन्य शहरों की सड़कों पर उतर आए। देखते ही देखते कई जगहों पर आगजनी, झड़पें और तोड़फोड़ होने लगी। फ्रांस (France unrest) में अभी तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
80 हजार से अधिक पुलिसकर्मी मैदान में
स्थिति को काबू में करने के लिए सरकार ने 80 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को मैदान में उतार दिया। गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो के अनुसार, राजधानी पेरिस समेत कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। उपद्रवियों ने पुलिस पर कूड़ेदान तक फेंके, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे। शुरुआती दौर में ही पुलिस ने 200 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया।
क्यों भड़का फ्रांस?
दरअसल, यह विरोध प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके फ्रांस्वा बायरो की बजट नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ। बायरो ने सार्वजनिक खर्च में करीब 4 लाख करोड़ रुपए की कटौती की थी। इस कदम से पेंशन स्कीम रोक दी गई और कई सामाजिक योजनाओं में भारी कटौती कर दी गई। यही वजह है कि आम जनता से लेकर ट्रेड यूनियन और वामपंथी पार्टियां तक खुलकर सड़कों पर आ गईं।
सोशल मीडिया से शुरू हुआ आंदोलन
यह आंदोलन अचानक नहीं बल्कि सोशल मीडिया से उपजा। 10 सितंबर को ब्लॉक एवरीथिंग की अपील वायरल हुई और देखते ही देखते देशव्यापी आंदोलन का रूप ले लिया। फिलहाल 30 से ज्यादा शहरों में हालात तनावपूर्ण हैं। यूनियन ने 18 सितंबर को बजट प्रस्तावों के खिलाफ और भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।