सरगुजा। खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर विशाल चक्काजाम किया और सरकार को किसान विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की। आक्रोशित किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंबिकापुर-बनारस रोड को चठिरमा पर दो घंटे तक जाम रखा, जिससे काफी दूर तक सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। किसानों का कहना था कि खरीफ सीजन के अंतिम चरण में यूरिया की भारी किल्लत है। सहकारी समितियों में यूरिया उपलब्ध नहीं होने के चलते किसानों को ब्लैक मार्केट में 266 रुपये प्रति बोरी वाला यूरिया 1000 से 1500 रुपये में खरीदना पड़ रहा है।
कालाबाजारी पर नहीं हो रही कार्रवाई
किसानों का कहना है कि समय पर खाद उपलब्ध नहीं होने से उनकी धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार किसानों की समस्या सुनने को तैयार ही नहीं है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने आरोप लगाया कि सरकार खाद उपलब्ध कराने में पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा, धान की रोपाई के 20 दिन बाद यूरिया खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन इस समय भी किसानों को मजबूर होकर ब्लैक में महंगे दामों पर खाद खरीदना पड़ रहा है। सरकार कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि उनके साथ मिली हुई है।
सरकार की साजिश का आरोप
नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने इसे सरकार की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यूरिया की किल्लत पूरे प्रदेश में है और लगातार कांग्रेस आंदोलन कर रही है। सरकार चाहती है कि किसानों से कम धान समर्थन मूल्य पर खरीदी करनी पड़े, इसलिए जानबूझकर खाद की आपूर्ति नहीं की जा रही है। इस तरह तो देश में धान का कटोरी कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ उत्पादन में बहुत पिछड़ जाएगा और किसान को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।
हालात नहीं सुधरे, तो उग्र आंदोलन
प्रदर्शन के बाद कांग्रेसियों ने अंबिकापुर एसडीएम फागेश सिन्हा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों को तत्काल खाद उपलब्ध कराने, एग्री स्टेट पंजीयन को दुरुस्त करने, वन अधिकार पत्र वाले किसानों को शामिल करने, सिंचित रकबे को फिर से सिंचित घोषित करने और वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी की गाइडलाइन तत्काल जारी करने जैसी मांगें रखी गईं। किसानों ने सरकार को आगाह किया है कि हालात नहीं सुधरे तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।