रायपुर। गणेश उत्सव की धूम के बीच गणपति प्रतिमाओं के स्वरूप को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधियों ने सोमवार को राजधानी में एसएसपी रायपुर को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि उन पंडालों पर तुरंत रोक लगाई जाए, जहां भगवान गणपति की पारंपरिक मूर्तियों को कार्टून या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए विकृत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़
हिंदू समाज का कहना है कि भगवान गणेश पूरे देश में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। हर वर्ष पारंपरिक तरीके से उनकी पूजा-अर्चना होती है, लेकिन इस बार रायपुर के कुछ आयोजकों ने उनकी प्रतिमाओं को कार्टून जैसी आकृति या AI तकनीक का प्रयोग कर नया रूप दिया है। समुदाय का आरोप है कि यह धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ है और आने वाली पीढ़ियों के लिए गलत उदाहरण पेश करता है।
परंपराओं का मजाक उड़ाना गलत
सर्व हिंदू समाज की विश्वदिनी पांडे ने कहा कि गणपति प्रतिमाओं का विकृत स्वरूप बच्चों और युवाओं में हास्य का माहौल बना रहा है। धार्मिक आस्था से जुड़ी प्रतिमाओं को कार्टून या क्यूटनेस के नाम पर प्रस्तुत करना परंपराओं का मजाक उड़ाने जैसा है। उनका कहना है कि भगवान गणपति का मूल स्वरूप ही उनकी पहचान है और उसमें बदलाव किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है।
तुरंत विसर्जन की मांग, आंदोलन की चेतावनी
हिंदू समाज ने स्पष्ट मांग की है कि जिन पंडालों में इस तरह की प्रतिमाएं स्थापित हैं, उनका तुरंत विसर्जन कराया जाए। साथ ही आयोजकों पर कार्रवाई हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने इस पर तुरंत रोक नहीं लगाई तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।