रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार तड़के बड़ी कार्रवाई की। रायपुर, दुर्ग-भिलाई और गरियाबंद जिले के राजिम में कृषि कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। रायपुर के शंकर नगर स्थित खाद कारोबारी विनय गर्ग के घर पर छापा पड़ा, वहीं लॉ विस्टा कॉलोनी में कृषि उपकरण और पेस्टिसाइड्स सप्लायर पवन पोद्दार और सतपाल छाबड़ा के घर भी अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं।
भिलाई और राजिम में भी छापे
भिलाई-3 के वसुंधरा नगर और शांति नगर में अन्ना एग्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड व चार्टर्ड अकाउंटेंट आदित्य अग्रवाल के ठिकानों पर जांच चल रही है। राजिम में कारोबारी उगम राज कोठारी के घर और दुकान पर भी दबिश दी गई है। ईडी की टीम सीआरपीएफ जवानों के साथ पहुंची और सभी ठिकानों को सील कर दस्तावेज जब्त कर रही है।
विपक्ष ने कहा- यह डराने की कवायद
ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ में विपक्ष की आवाज दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, कभी शराब, कभी कोल, कभी DMF और अब एग्रीकल्चर… भाजपा को विपक्ष को डराने की आदत पड़ गई है। असली भ्रष्टाचार की जांच करनी है तो 32 हजार जग खरीदी और बस्तर ओलंपिक के घोटालों की जांच कर लो, जहां 1400 रुपए के ट्रैकशूट को 2500 में बेचा जा रहा है।
DMF घोटाले से जुड़ी है कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक ये छापे डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाले से जुड़े हैं। जांच में सामने आया कि कोरबा जिले में 575 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हुआ, जिसमें अधिकारियों और नेताओं को 25 से 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया गया। एसीबी द्वारा कोर्ट में दाखिल 6 हजार पन्नों के चालान में इसका खुलासा हुआ था। ईडी की पिछली जांच में 76.50 लाख कैश, 8 बैंक खाते (35 लाख रुपए समेत), फर्जी दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए थे। अब मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई हो रही है।
23.79 करोड़ की संपत्ति पहले ही कुर्क
ईडी ने पहले ही DMF केस में 23.79 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। यह संपत्ति निलंबित IAS रानू साहू, कारोबारी माया वॉरियर और मनोज कुमार द्विवेदी समेत 10 आरोपियों से जुड़ी थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, फंड खर्च के नियमों में बदलाव कर कृषि उपकरण, खेल सामग्री और मेडिकल सप्लाई जैसे प्रोजेक्ट जोड़े गए, ताकि अधिक कमीशन वाले प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दी जा सके।