रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता रविंद्र चौबे ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता चाहती है कि कांग्रेस का नेतृत्व भूपेश बघेल करें। आने वाले समय में भी पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों में रहनी चाहिए। चौबे ने दावा किया कि अगली राजनीतिक लड़ाई भाजपा सरकार के कुशासन और प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी से है और इस मुकाबले में कांग्रेस को विजय दिलाने की ताकत केवल भूपेश बघेल में है।
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा- यह निजी बयान
चौबे के इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चौबे को महाज्ञानी नेता बताते हुए कहा कि यदि यह उनका व्यक्तिगत विचार है तो इसे निजी बयान ही समझा जाना चाहिए। बैज ने दोहराया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस कलेक्टिव लीडरशिप के आधार पर और जनहित के मुद्दों को केंद्र में रखकर आगामी चुनाव लड़ेगी। उनका दावा है कि जनता के सहयोग से कांग्रेस दोबारा सरकार बनाने में सफल होगी।
साव का तंज- कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं
वहीं भाजपा की ओर से उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब धरातल खो चुकी है। कार्यकर्ता पार्टी से दूर हो चुके हैं और जनता ने भी पूरी तरह कांग्रेस से किनारा कर लिया है। साव ने कहा कि आज कांग्रेस के नेता केवल अपने वजूद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि संगठन का भविष्य लगभग खत्म हो चुका है।
छत्तीसगढ़ में नई सियासी बहस
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का नेतृत्व किसके हाथों में होगा, इस सवाल ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। जहां चौबे जैसे वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के अनुभव और जनाधार को आगे रखने की वकालत कर रहे हैं, वहीं संगठन का आधिकारिक रुख सामूहिक नेतृत्व की नीति पर टिका हुआ है। भाजपा लगातार कांग्रेस की कमजोर होती पकड़ पर सवाल उठा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का आंतरिक मतभेद और नेतृत्व की अनिश्चितता, भाजपा को आगामी चुनाव में फायदा पहुंचा सकती है। वहीं कांग्रेस की ओर से भूपेश समर्थक लगातार यह संदेश देने की कोशिश में हैं कि प्रदेश में केवल भूपेश बघेल ही भाजपा से सीधी टक्कर लेने में सक्षम हैं।