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Author: Dinesh Bhadauria
दिनेश सिंह भदौरिया, सीहोर। किसी के हाथ—पैर टूट जाएं या कोई अन्य अंग—भंग हो जाए तो रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित मानता माता उन्हें ठीक कर देती हैं। जब व्यक्ति का अंग ठीक हो जाता है तो वह माता को ठीक हुए अंग की प्रतिकृति बनाकर विशेष पूजा के साथ भेंट करता है। जैसे किसी का टूटा हाथ ठीक हो जाए तो वह व्यक्ति मानता अर्थात् मनौती पूरी होने पर देवी को लकड़ी का हाथ अर्पित करता है। देवी के अधिकांश आराधक उन्हें मान्यता माता की जगह मानता माता कहकर ही बुलाते हैं। यहां विराजमान हैं मानता…
दिनेश सिंह भदौरिया, औबेदुल्लागंज। बब्बर शेर इस शिवलिंग के सामने नतमस्तक होकर बैठता था, एकदम शांत। ऐसा लगता था जैसे शिव की आराधना में लीन हो। इस स्थान पर उसने कभी किसी जीव का शिकार भी नहीं किया। यहां आने वाले लोग और श्रद्धालु इसे शिव की शक्ति का चमत्कार मानते हैं। महादेव शिव का यह स्थान आज केरी महादेव के नाम से जाना जाता है, जो रातापानी टाइगर रिजर्व में आता है। बताया जाता है कि यहां सिंह के आकर बैठने से इस शिवलिंग को केहरी महादेव के नाम से पुकारा जाता था। सिंह को केहरी भी कहते हैं।…
दिनेश सिंह भदौरिया सीहोर। कभी रातापानी के जंगलों में बब्बर शेर भी घूमते थे। इन जंगलों में शहद, शिलाजीत और जड़ी-बूटियों के खजाने थे। जड़ी-बूटियां इतनी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध थीं कि सफेद मूसली जैसी जड़ी की कीमत मात्र दो रुपए प्रतिकिलो थी। खुशलगढ़ के जंगलों में पहाड़ी पर शिलाजीत और शहद के लिए जाते थे, जहां भालुओं का डर रहता था। उस समय आग जलाने के लिए माचिस भी सुलभ नहीं होती थी। घर वापस नहीं लौटी थी भैंस ज्ञान सिंह दांगी बताते हैं कि जब वे करीब 17 साल के रहे होंगे, तब एक घटना घटी। एक दिन…