नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर लगे बैन को लेकर बड़ा बयान दिया है। कोर्ट ने कहा कि साफ हवा का हक सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि पूरे देश के नागरिकों को मिलना चाहिए। कोर्ट का यह बयान उस याचिका की सुनवाई के दौरान आया जिसमें दिल्ली में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी।
चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि अगर दिल्ली को साफ हवा का हक है तो देश के दूसरे शहरों को क्यों नहीं। पर्यावरण से जुड़ी कोई भी नीति पूरे भारत में लागू होनी चाहिए, न कि सिर्फ दिल्ली के लिए। कोर्ट ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है।
कोर्ट में क्या हुई बहस?
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा कि दिल्ली का एलीट वर्ग प्रदूषण बढ़ने पर बाहर चला जाता है, जबकि आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) यह जांच कर रहा है कि क्या ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम हो सकता है। पटाखा कंपनियों के वकीलों ने सुझाव दिया कि NEERI यह स्पष्ट करे कि पटाखों में कौन-से केमिकल कितनी मात्रा में इस्तेमाल हो सकते हैं। दूसरी ओर कुछ वकीलों ने मौजूदा लाइसेंस रद्द होने पर चिंता जताई। इस पर बेंच ने कहा कि फिलहाल लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया रोकी जाए।
दिल्ली में पहले से प्रतिबंध लागू
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने पहले ही 15 अक्टूबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक पटाखों की बिक्री, स्टोरेज और ऑनलाइन डिलीवरी पर बैन लगा रखा है। इसमें ग्रीन पटाखे भी शामिल हैं। पटाखों के सिवा दिल्ली के होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर भी प्रतिबंध लागू है।
देश में एआईक्यू खतरनाक स्तर पर
देशभर में Air Quality Index (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। AQI हवा में मौजूद PM2.5, PM10, CO, NO2 और Ozone जैसे पॉल्यूटेंट्स को मापता है। यह स्तर जितना ज्यादा होता है, उतनी ही खतरनाक हवा मानी जाती है।
22 सितंबर को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को करेगा। कोर्ट ने साफ संकेत दिया है कि अगर पटाखों पर बैन लागू करना है तो वह सिर्फ दिल्ली-NCR तक सीमित नहीं रह सकता बल्कि पूरे भारत में होना चाहिए।