रीवा। उमरी में मंगलवार को खाद वितरण केंद्र पर भारी अव्यवस्था के कारण भगदड़ (Rewa Fertilizer Stampede) मच गई। इस हादसे में चार महिलाएं और दो पुरुष (women-men-injured) गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सुबह से किसान लाइन में लगे थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही के चलते स्थिति बिगड़ गई। किसान सरकारी अव्यवस्था का विरोध (Farmers Protest) कर रहे हैं।
गेट खुलते ही बेकाबू हुई भीड़
घटना कॉलेज परिसर में बने खाद वितरण केंद्र की है। सुबह से सैकड़ों किसान यहां खाद और टोकन लेने पहुंचे थे। घंटों इंतजार के बाद जब गेट अचानक खोला गया, तो भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। चार महिलाएं दबकर बेहोश हो गईं, जबकि दो पुरुष भी घायल हो गए। एक महिला के दांत तक टूट गए। मौके पर मौजूद पुलिस व्यवस्था संभालने में नाकाम रही।
प्रशासन ने नहीं बनाई व्यवस्था
पटना गांव के किसान प्रवीण कुमार पटेल ने बताया कि वह सुबह 4:30 बजे से लाइन में लगे थे, लेकिन प्रशासन यह तय नहीं कर पाया कि टोकन कहां से मिलेगा और खाद कहां से वितरित होगी। कभी एक जगह भेजा जाता, तो कभी दूसरी जगह। इसी अव्यवस्था ने भगदड़ की स्थिति पैदा की। उमरी ग्राम पंचायत के किसान शंकर प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि पहले ही सूचना दी गई थी कि मंगलवार को टोकन मिलेगा, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त रही।
कांग्रेस ने लगाया कालाबाजारी का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि अगर खाद की पर्याप्त आपूर्ति है, तो सितंबर में ऐसी स्थिति क्यों बन रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर बार खाद की रैक आने पर कालाबाजारी होती है और किसानों को झूठ बोलकर कई दिनों तक लाइन में खड़ा कराया जाता है।
किसानों की मांग प्रतिदिन खाद बांटी जाए
एसडीओपी उमेश प्रजापति ने कहा कि किसानों की मांग है कि प्रतिदिन खाद बांटी जाए। पिछली बार वितरण के दौरान कॉलेज का गेट क्षतिग्रस्त हुआ था, इसलिए कॉलेज प्रशासन परिसर का उपयोग नहीं करना चाहता था। इसी वजह से अव्यवस्था की स्थिति बनी।