रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में खाद की किल्लत ने किसानों को सड़कों पर ला दिया है। करहिया मंडी में देर रात हालात उस समय बिगड़ गए, जब 48 घंटे से लाइन में लगे किसानों ने प्रशासन पर कालाबाजारी का आरोप लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया और भीड़ को तितर-बितर किया गया। कई किसान घायल हुए, जबकि महिलाएं भी पुलिस कार्रवाई की चपेट में आ गईं।
काउंटर बंद करने से भड़के किसान
जानकारी के अनुसार, रीवा और आसपास के इलाकों में किसान दो-दो दिन से लगातार खाद की कतार में खड़े थे। मंगलवार शाम अचानक काउंटर बंद कर दिए गए, जिससे किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी हो रही है। खास किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है और आम किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
बुवाई हो रही प्रभावित
किसान हरीश प्रजापति ने कहा कि समितियों में खाद या तो खत्म है या महंगे दामों पर बेची जा रही है। किसान नेता शिव सिंह ने बताया कि 48 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद भी खाद नहीं मिली। इस वजह से बुवाई प्रभावित हो रही है और फसलें सूखने लगी हैं।
किसानों के साथ आए संगठन
वकील और सामाजिक संगठनों ने भी किसानों की परेशानी उठाई है। अधिवक्ता बीके माला ने बताया कि कई समितियों में किसानों को 10-12 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद भी निराशा मिल रही है।
गुढ़, त्योंथर, जवा, मनगवां और सेमरिया से भी इसी तरह की तस्वीरें सामने आईं। गुढ़ में तो करीब एक किलोमीटर लंबी कतार लगी रही। गर्मी और धूप की परवाह किए बिना किसान घंटों खड़े रहे, लेकिन हाथ खाली ही लौटे।
कलेक्टर बोलीं, खाद का पर्याप्त स्टॉक
हालांकि, रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दावा किया कि जिले में पर्याप्त खाद का स्टॉक मौजूद है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के जरिए वितरण कराया जा रहा है। साथ ही मंडी में किसानों को छाया, पानी और ORS पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।