नई दिल्ली। संसद में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष ऐसे प्रावधानों का विरोध कर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गंभीर अपराधों में जेल जाने वाले नेता सत्ता में न रहें। शाह ने सवाल किया कि क्या कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जेल में रहते हुए सरकार चला सकता है? उन्होंने कहा अगर देश का प्रधानमंत्री जेल चला जाए तो क्या वह जेल से सरकार चलाए? यह क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सही होगा?”
सरकार चलाने का विकल्प मिल जाए
गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि उन्हें जेल में रहते हुए भी सरकार चलाने का विकल्प मिल जाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेता चाहते हैं कि जेल ही उनका मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री कार्यालय बन जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई नेता बेल पर छूटता है, तो वह फिर से पद संभाल सकता है, लेकिन जेल में रहकर सरकार चलाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
सजा का प्रावधान हो
शाह ने यह टिप्पणी उस समय की जब केंद्र सरकार ने 20 अगस्त को लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पेश किया। इस बिल में प्रावधान है कि अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री ऐसे अपराध में गिरफ्तार होता है या 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहता है, जिसमें 5 साल या उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान हो, तो उसे पद छोड़ना होगा। विपक्ष इस बिल का विरोध कर रहा है, जिसे शाह ने गलत बताया।
राहुल गांधी पर भी निशाना साधा
अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने पहले संसद में लालू प्रसाद यादव को बचाने वाला अध्यादेश फाड़ दिया था, लेकिन जैसे ही सत्ता बदली, उनके सुर बदल गए। उन्होंने विपक्ष को अवसरवादी बताते हुए कहा कि ये लोग नियमों और नैतिकता की बात तब करते हैं, जब सत्ता उनके पास नहीं होती।
नेताओं को सत्ता से दूर रखा जा सके
गृहमंत्री ने कहा कि यह बिल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लाया गया है, ताकि भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त नेताओं को सत्ता से दूर रखा जा सके। विपक्ष इसके जरिए अपनी स्वार्थपूर्ण राजनीति चला रहा है।